डाय़नासोर दहाड़ नही सकते – डायनासोर के बारे में रोचक ज्ञान

दोस्तों आपका स्वागत है, रोचक ज्ञान में. आज हम बात करेंगे डायनासोर के बारे में। डायनासोर एक बहुत बड़ा जानवर है। डायनासोर से जुड़े कुछ रोचक बातें अभी तक कुछ लोगों को उसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है। वैज्ञानिक डायनासोर के बारे में अभी भी रिसर्च कर रही है। डायनासोर का नाम लेते ही दिमाग में बड़े-बड़े डायनासोर के चित्र सामने आने लगते है। क्योंकि हाॅलीवुड फिल्मों और डिस्कवरी चैनल में देखा है। आज हम आपको डायनासोर के बारे में वो जानकारी देंगे जो आपको शायद ही मालूम होगी।

डायनासोर का जन्म कब हुआ
डायनासोर को बड़ी छिपकली कहा जाता है। आज से 23 करोड़ साल पहले डायनासोर का जन्म हुआ उसे “ट्राइएसिक काल” कहा जाता था। जब 6.5 करोड़ साल तक डायनासोर का अस्तित्वत रहा उस काल को “क्रीटेशियस काल” कहा जाता था। डायनासोर धरती पर 16 करोड़ साल तक रहे. इंसानो का जीवन इसका केवल 0.1% है.

डायनासोर का नाम कैसे पड़ा।
डायनासोर” शब्द को 1842 में एक ब्रिटिश जीवाश्म विज्ञानी रिचर्ड ओवेन ने रखा था और इसके लिए उन्होंने ग्रीक शब्द डीनोस उसका मतलब भयानक, शक्तिशाली का छिपकली प्रयोग किया था।

भारत में मिला था 7 करोड़ साल पुराना डायनासोर का अवशेष
भारत में गुजरात की नर्मदा नदी के किनारे भी वैज्ञानिकों को डायनासोर के अवशेष मिले है, ये करीब 7 करोड़ साल पुराने है. तब इसका नाम ‘राजासोरस नर्मेदेंसिस’ रखा गया, क्योंकि ये नर्मदा नदी घाटी में पाया गया है.

देखने में कैसे रहे होंगे असली डायनासोर
असल में किसी भी इंसान ने डायनासोर को देखा नहीं। असल में डायनासोर, इंसान के धरती पर आने के लाखों साल पहले ही रहते थे. बाद में उनकी नस्ल का ख़ात्मा हो गया. तो किसी भी इंसान ने कभी डायनासोर को देखा नहीं. जितने भी फिल्मों में अपने डायनासोर को देखा सब काल्पनिक है।

क्या आपको पता है?
जो वैज्ञानिक डायनासोर के बारे में पढ़ाई करते हैं। उसे ‘पैलियोबायलॉजी‘(paleobiology) या ‘जीवाश्म जीव विज्ञान’ कहते हैं. ५० करोड़ डॉलर कमाने वाली हॉलीवुड फिल्म ‘जुरासिक वर्ल्ड‘ फिल्म में भारतीय अभिनेता इरफान खान भी अहम भूमिक में हैं।

डायनासोर की आवाज
फ़िल्म जुरैसिक पार्क में मशहूर टायरैनोसारस रेक्स की आवाज़ के लिए हाथी के बच्चे की आवाज़ को कुछ दूसरे ग़ुर्राने वाले जानवरों की आवाज़ से मिलाकर नई आवाज़ तैयार की गई थी. वैज्ञानिकों के हिसाब से ये सब कोरी कल्पना ही है. अधिकत्तर डायनासोर सिर्फ एक हड्डी या एक दाँत से खोजे गए है. डाय़नासोर की कुछ प्रजातियाँ उड़ती भी थी.

टायरानोसोरस जाति का डायनासोर
टायरानोसोरस(Tyrannosaurus rex) 45 फीट लंबे और 7000 किलो वजनी, सबसे बड़े मांसाहारी डायनासोर थे. टायरानोसोरस लगभग 17 किमी प्रति घंटे से 70 किमी प्रति घंटेकी रफ्तार से दौड़ सकते थे | इनके पिछले पैर बहुत बड़े-बड़े होते थे लेकिन अगले हाथ बिल्कुल छोटे-छोटे. मतलब, आज के आदमियों जितने. इनके की खोपड़ी अकेली 1.6 मीटर लम्बी होती है बड़े-बड़े दाँत होते थे जिनकी लंबाई जड़ समेत 12 इंच थी. इनके 4 फीट लंबे जबड़े में 50 से 60 दाँत होते थे. ये काट सकते थे लेकिन शिकार को चबाते नही थे बल्कि सीधा निगल जाते थे.

डायनासोर के अंडे
डायनासोर का अंडा बहुत मजबूत था. जितना बड़ा अंडा, उतना ही मोटा उसका कवच ताकि बच्चे बाहर ना आ सके. डायनासोरी अंडे की लंबाई 3 cm और वजन 75 gram है. सबसे बड़ा डायनासोरी अंडा 19 इंच की लंबाई का मिला है. ऐसा माना जाता है कि यह एशिया के मांसाहारी डायनासोर का है. डायनासोर की सभी प्रजातिया अंडे देती थी. अभी तक 40 प्रजातियों के अंडे मिल चुके है.

उल्कापिंड से गायब हुए थे डायनासोर
41 वैज्ञानिकों के एक दल ने दावा किया है कि एक उल्कापिंड के धरती से टकराने के कारण पृथ्वी से डायनासोर गायब हो गए थे। एक उल्कापिंड भूकंप और सुनामी लाने वाली गति से लगभग 20 गुणा ज्यादा गति से धरती से टकराया। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार इससे हुआ विध्वंस इतना जबरदस्त था कि इसने दुनिया के अधिकांश हिस्से को धूल के गुबार से भर दिया और इससे एक तरह से पूरे पौधे और जीव नष्ट हो गए।

दोस्तों, उम्मीद करता हु की, आपको डायनासोर के बारे में ये बातें अच्छी लगी हो। ज्ञान बांटने से ज्ञान बढ़ता है, तो शेयर करना ना भूले।